ब्रह्माण्ड समय की धारणा ( ASTRO QUANTUM PHYSICS, time and space )PART -2

ब्रह्माण्ड समय की धारणा (ASTRO QUANTUM PHYSICS, time and space)PART -2

ब्रह्मा जी आयु =100 ब्रह्म वर्ष (311040000000000 मानव बर्ष के समान)

👉ब्रह्मा जी का 100 वर्ष पुरा होने पर वम्हाण्ड संकुचित हो कर भगवान के नाभि मे लय होता है

' प्राचीन ग्रन्थों में मानव इतिहास को पांच कल्पों में बांटा गया है। (1).हमत् कल्प एक लाख नौ हजार आठ सौ वर्ष विक्रमीय पूर्व से आरम्भ होकर 85800 वर्ष पूर्व तक, (2).हिरण्य गर्भ कल्प 85800 विक्रमीय पूर्व से 61800 वर्ष पूर्व तक, ब्राह्म कल्प 60800 विक्रमीय पूर्व से 37800 वर्ष पूर्व तक, (3).ब्रह्म कल्प 60800 विक्रमीय पूर्व से 37800 वर्ष पूर्व तक, (4).पद्म कल्प 37800 विक्रम पूर्व से 13800 वर्ष पूर्व तक और (5).वराह कल्प 13800 विक्रम पूर्व से आरम्भ होकर इस समय तक चल रहा है।

👉हर कल्प के अन्त मे महाप्रलय होती है एवम् ग्रह नक्षत्र  नष्ट हो कर फिर अन्य कल्प शुरू होती है। उस समय ग्रह नक्षत्र नष्ट होते है। फिर नयी तरह शुरू होती है ।

इस 14 मनु मिलाकर एक कल्प होता है

14 मनुओं के नाम :चौदह मनुओं के नाम: 1.स्वायम्भु, 2.स्वरोचिष, 3.औत्तमी, 4.तामस मनु, 5.रैवत, 6.चाक्षुष, 7.वैवस्वत, 8.सावर्णि, 9.दक्ष सावर्णि, 10.ब्रह्म सावर्णि, 11.धर्म सावर्णि, 12.रुद्र सावर्णि, 13.रौच्य या देव सावर्णि और 14.भौत या इन्द्र सावर्णि।

क्या है मनवंतर :मनवंतर समय मापन की खगोलीय अवधि है। मन्वन्तर एक संस्कॄत शब्द है, जिसका अर्थ मनु+अन्तर होता है मूल अर्थ है मनु की आयु अर्थात मनवंतर। चौदह मनु और उनके मन्वन्तर को मिलाकर एक कल्प बनता है।

👉एक मनवंतर काल खत्म होने पर प्रलय होती है और सभी मनुष्य और प्राणी जगत विलुप्त हो जाते हैं अर्थात धरती पर से जीवन समाप्त हो जाता है। इसके बाद पुन: सृष्टि का क्रमश: प्रारंभ होता है।

71 दिव्य युग मिलाकर एक मनवंतर  ।

मन्वन्तर की अवधि :विष्णु पुराण के अनुसार मन्वन्तर की अवधि इकहत्तर चतुर्युगी के बराबर होती है। इसके अलावा कुछ अतिरिक्त वर्ष भी जोड़े जाते हैं। एक मन्वन्तर=71 ।चतुर्युगी एक दिव्य युग ।

तदनुसार 4 युग

सत्ययुग = 1728000 मानव वर्ष +
 त्रेता = 1296000 मानव वर्ष +
 द्वापर = 864000 मानव वर्ष +
कलि = 432000  मानव वर्ष +

=43,20,000 मानव वर्ष = 1 दिव्य युग

प्रत्येक मन्वन्तर के समाप्त के वाद एक एक सन्धिक्षण आता है इसमे  सृष्टि जलमग्न अथवा तरल अवस्था में रहता है। इस समय प्रलय के उपरान्त सृष्टि का गठन कार्य चलता है।

सन्धि क्षण : आता है यो  4 चरण के होते है। मतलब ( 14 +1)×4=60 चरण = 6 महायुग वरावर होते है

इस हिसाब से ब्रह्मा जी की आयु

ब्रह्मा की आयु
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👉1 मनु में 71 कल्प फिर 14 मनु में कितने कल्प? + सन्धिक्षण

(71कल्प×14मनु)+ सन्धिक्षण
=994 महायुग या दिव्य युग  + 6 महायुग या दिव्य युग  = 1000 दिव्य युग या महायुग है।

👉अव एक दिव्य युग = 4320000 मानव वर्ष
1000 दिव्य युग = 4320000×1000
 = 4320000000 मानव वर्ष मे एक कल्प है।

1 कल्प मे 4320000000 मानव वर्ष ब्रह्मा का एकदिन है।

36000+36000= 72000 (360कल्प दिन और 360कल्प रात में   ब्रह्मा का बर्ष तो 100कल्प बर्ष=72000कल्प)

मानववर्ष×कल्प

अत एव 4320000000×72000= 311040000000000 मानव वर्ष

अभी हम सव किस कल्प मे है?
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अभी हमारा सठिक समय है अन्तिम वराह कल्प के  प्रारम्भ भाग वैवस्वत मनु के 28 चतुर्युगी(महायुग)वित चुके कलियुग के 5121वर्ष चल रहा है(approx).
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा में 5122 वर्ष हो जाएगा।

#कृष्णप्रिया

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